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ये बात तो कुछ टेढी लग रही है काजल जी |
सुंदर.:)रामराम.
एक पंथ दो काज
मास्टर जी को महीने भर पहले हीसहमा दिया हैउसको इतना क्यों डरा दिया हैअध्यापक दिवस अभी दूर है5 सितम्बर को आने मेंअभी 16 दिन हजूर हैं
मजेदार...
यो तो गड़बड़ है, मुझे तो जिन मास्टर जी ने पीटा उनका धन्यवाद.
हम भी नालायकगणॊं से पिट कर कुछ लायक बने हैं। बाकी पिटना कभी अच्छा नहीं लगा! :(
jai hind !
अच्छा है
आजकल वैसे ही मास्टरों के दुर्दिन चल रहे हैं ....आपने भी कार्टून बना दिया
तरीके से मास्टर जी को हड़का दिया।
नालायक शब्द पहले बच्चों के लिए हुआ करता था अब शिक्षको के लिए होने लगा है ....बहुत खूब ....!!
Very well saif Kajal ji! I agree with you.
ये बात तो कुछ टेढी लग रही है काजल जी |
जवाब देंहटाएंसुंदर.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
एक पंथ दो काज
जवाब देंहटाएंमास्टर जी को
जवाब देंहटाएंमहीने भर पहले ही
सहमा दिया है
उसको इतना क्यों डरा दिया है
अध्यापक दिवस अभी दूर है
5 सितम्बर को आने में
अभी 16 दिन हजूर हैं
मजेदार...
जवाब देंहटाएंयो तो गड़बड़ है, मुझे तो जिन मास्टर जी ने पीटा उनका धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंहम भी नालायकगणॊं से पिट कर कुछ लायक बने हैं।
जवाब देंहटाएंबाकी पिटना कभी अच्छा नहीं लगा! :(
jai hind !
जवाब देंहटाएंअच्छा है
जवाब देंहटाएंआजकल वैसे ही मास्टरों के दुर्दिन चल रहे हैं ....आपने भी कार्टून बना दिया
जवाब देंहटाएंतरीके से मास्टर जी को हड़का दिया।
जवाब देंहटाएंनालायक शब्द पहले बच्चों के लिए हुआ करता था अब शिक्षको के लिए होने लगा है ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....!!
Very well saif Kajal ji! I agree with you.
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